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Bitcoin News: बांग्लादेश से ज्यादा बिजली खर्च कर रही है बिटकॉइन, यहां जानिए पूरी बात

दुनिया की सबसे बड़ी और लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) ने भले ही कई निवेशकों को मालामाल कर दिया है, लेकिन बिटकॉइन बनाने में जितनी बिजली खर्च होती है, उससे मुंबई जैसे बड़े महानगर की बिजली की जरूरत पूरी की जी सकती है। बिटकॉइन का सालाना कार्बन फुटप्रिंट मुंबई के बराबर है। दुनिया के संदर्भ में देखें तो यह स्लोवाकिया के बराबर है।

डच इकनॉमिस्ट एलेक्स डी व्रीज (Alex de Vries) की एक स्टडी के मुताबिक बिटकॉइन से हर साल 38.10 एमटी (मिलियन टन) कार्बन फुटप्रिंट पैदा होता है। एक स्टडी के मुताबिक मुंबई का कार्बन फुटप्रिंट करीब 32 एमटी और बेंगलोर का 21.50 एमटी है। हाल में माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स ने हाल में एक इंटरव्यू में कहा था कि बिटकॉइन में प्रति ट्रांजैक्शन जितनी बिजली खर्च होती है, उतनी किसी और में नहीं होती है।

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हाई टेक कम्प्यूटर्स का इस्तेमा
बिटकॉइन सिक्के ढालकर बनाई जाती है जिसके लिए हाई टेक कम्प्यूटर्स का लंबे समय तक इस्तेमाल किया जाता है। बाजार में जितने ज्यादा सिक्के होंगे, नए सिक्के ढालने में उतना अधिक समय लगेगा और उतनी ज्यादा बिजली की खपत होगी। 2017 में बिटकॉइन नेटवर्क ने एक साल में 30 टेरावॉट आवर्स (TWh) बिजली का इस्तेमाल किया था। व्रीज के मुताबिक अब यह खपत लगभग दोगुनी हो गई है। अभी यह 78 से 101 टेरावॉट आवर्स के बराबर है। यह नॉर्वे की बिजली खपत के बराबर है।

हर बिटकॉइन ट्रांजैक्शन में औसतन करीब 300 किलो कार्बन डाईऑक्साइड की जरूरत होती है जो 750000 क्रेडिट कार्ड स्वाइप से निकले कार्बन फुटप्रिंट के बराबर है। अगर बिटकॉइन कोई देश होता तो इसकी बिजली खपत ऑस्ट्रिया या बांग्लादेश से अधिक होती। बिटकॉइन माइनिंग में न केवल भारी मात्रा में बिजली की खपत होती है बल्कि समस्या यह भी है कि अधिकांश माइनिंग फैसिलिटीज ऐसे इलाकों में स्थित है जो कोयला आधारित बिजली पर निर्भर हैं

बिटकॉइन कैसे करता है काम?बिटकॉइन विशेषज्ञ हितेश मालवीय बताते हैं कि बिटकॉइन वर्चुअल कॉइन हैं, जो अपनी कीमत बनाने और बढ़ाने के लिए डिजाइन किए गए हैं। इस तरह पैसों के लेन-देन के लिए आपकों बैंकों तक जाने की जरूरत नहीं है। अगर किसी भी व्यक्ति के पास बिटकॉइन है, तो इसकी कीमत और वैल्यू ठीक उसी तरह मानी जाएगी जैसे ईटीएफ में कारोबार करते समय सोने की कीमत मानी जाती है। इस बिटकॉइन से आप ऑनलाइन शॉपिंग भी कर सकते हैं और इसे निवेश के रूप में भी संभाल कर रख सकते हैं। बता दें कि ये बिटकॉइन एक पर्सनल ई-वॉलेट से दूसरे पर्सनल ई-वॉलेट में ट्रांसफर भी किए जाते हैं। ये ई-वॉलेट्स आपका निजी डेटाबेस होते हैं, जिसे आप अपने कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन, टैबलेट या किसी ई-क्लाउड पर स्टोर करते हैं।

कैसे होती है बिटकॉइन की ट्रेडिंग? Kraken के जरिए बिटकॉइन ट्रेडिंग की जा सकती है। इसके लिए पहले अपना अकाउंट बनाना होता है। इसके बाद ईमेल के जरिए अकाउंट कन्फर्म करना होता है। अकाउंट वेरिफाइ होने के बाद आप ट्रेडिंग मेथड सिलेक्ट कर सकते हैं। ट्रेडिंग के लिए चार्ट मौजूद होता है जिसमें बिटकॉइन की कीमत की हिस्ट्री होती है। आप समय पर बिटकॉइन का ऑर्डर देकर खरीद सकते हैं और बेच सकते हैं। बिटकॉइन की कीमतों में बदलाव बहुत ही अप्रत्याशित और तेज होता है इसलिए इसमें खतरा बना रहता है। पिछले 24 घंटों में ही इसमें तगड़ी गिरावट आई है। इसकी कीमत 8.80 लाख रुपये के करीब जा पहुंची थी, जो खबर लिखे जाने तक घटकर 8.31 लाख के करीब आ चुकी है।

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